आप वक्फ-वक्फ कर रहे हैं, उधर चर्च की प्रोपर्टी पर न‌ई बहस छिड़ गई!

आज़ कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन राहुल गांधी ने कहा कि‌ “कुछ दिन पहले बीजेपी ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास किया। यह फ्रीडम ऑफ रिलीजन, संविधान पर आक्रमण है। RSS के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में लिखते हैं कि क्रिश्चियंस पर आक्रमण करने जा रहे हैं। ये एंटी-रिलीजन बिल है। ये देश के सभी लोगों को मालूम होना चाहिए।” राहुल गांधी इससे पहले भी इस विषय को सोशल मीडिया के माध्यम से उठा चुके हैं। दरअसल वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद से हीं देश के अलग-अलग धार्मिक संस्थानों और बोर्ड के आधिपत्य में आने वाली संपत्तियों का मालिकाना हक लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
इसी बीच कथित RSS समर्थक मैग्जीन आ‌ॅर्गनाईजर ने एक ऐसा आर्टिकल छापा जिसने एक न‌ई बहस को जन्म दे दिया। दरअसल 3 अप्रैल 2025 को आ‌ॅर्जनाइजर की वेबसाइट पर एक आर्टिकल अपलोड हुआ जिका शीर्षक था “Who has more land in India? The Catholic Church vs Waqf Board Debate.”

इस लेख के बाद ईसाई धार्मिक संस्थानों पर भी चर्चा शुरू हो गई। अब सवाल ये है कि क्या वक्फ बोर्ड पर कानून बनाने के बाद अब चर्चों पर भी कानून बनाया जाएगा?

मैग्जीन के लेख में यह दावा किया गया कि कैथोलिक चर्च के पास 17.29 करोड़ एकड़ जमीन है जो भारत सरकार के बाद देश में सबसे ज्यादा है। इसकी बाजार में कीमत 20 हज़ार करोड़ रुपए है।


इस आर्टिकल के पब्लिश होते हीं कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने BJP और RSS पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया X पर लिखा कि “मैंने कहा था कि वक़्फ़ बिल फिलहाल मुसलमानों पर हमला करता है, लेकिन भविष्य में यह दूसरे समुदायों को निशाना बनाने की मिसाल बन जाएगा। आरएसएस को ईसाइयों की ओर ध्यान देने में ज़्यादा वक्त नहीं लगा। संविधान ही एकमात्र ढाल है जो हमारे लोगों को ऐसे हमलों से बचाता है – और इसे बचाना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।”

केरल के मुख्यमंत्री और कम्युनिस्ट नेता पिनाराई विजयन ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “वक़्फ़ संशोधन क़ानून पारित होने के तुरंत बाद आरएसएस के मुखपत्र “ऑर्गनाइज़र” में चर्च की ज़मीन पर मालिक़ाना हक़ को लेकर जो लेख प्रकाशित हुआ, वह संघ परिवार की अल्पसंख्यकों के प्रति गहराई से जमी़ दुश्मनी को उजागर करता है। भले ही यह लेख बाद में हटा लिया गया हो, लेकिन यह अल्पसंख्यकों और उनकी संस्थाओं को निशाना बनाने और अलग-थलग करने की एक सोची-समझी, चरणबद्ध कोशिश को सामने लाता है। सेक्युलर ताक़तों को इसके ख़िलाफ़ एकजुट होकर प्रतिरोध करना चाहिए।”

हालांकि आ‌ॅर्गनाईजर की वेबसाइट पर अपलोड ये ख़बर कुछ हीं देर बाद हटा ली ग‌ई। बहरहाल, इसी बहाने आइए जानते हैं कि देश में चर्चों के पास कितनी संपत्ति है और ये संपत्तियां चर्च के पास कहां से आईं।

पंद्रहवीं शताब्दी में भारत में पुर्तगालियों ने पश्चिमी राज्यों जैसे गोवा में चर्च, अनाथालय तथा अंग्रेजों ने तमिलनाडु और केरल में क‌ई चर्चों का निर्माण कराया। इंडियन एक्सप्रेस की 2012 में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में चर्चों के पास करीब 2500 हॉस्पिटल, 240 मेडिकल कॉलेज, 7000+प्राइमरी स्कूल, 28 जनरल कॉलेज और 5 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इन संपत्तियों की देख-रेख प्रबंधन और रखरखाव Catholic Bishops’ Conference of India यानी CBCI करता है।

बहरहाल, चर्च और वक्फ बोर्ड में बहुत फर्क है। चर्च‌ के लिए वक्फ बोर्ड जैसा कोई अलग से नियम नहीं है। चर्च की सभी संपत्तियां भारत सरकार के कानून के दायरे में आती हैं। इसलिए भारत सरकार शायद हीं इस सन्दर्भ में कोई कानून बनाने की सोचें।

इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है कमेंट करके हमें जरूर बताएं। धन्यवाद।

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